Monday, February 9, 2009

मैं हँसता हूँ










दुनिया रोती है ,

इसलिए मैं हँसता हूँ

मेरे दिल मैं भी गम बसता है,

फिर भी मैं हँसता हूँ

मेरा गम कौन समझेगा ,

सब अपना गम ले कर रोते हैं

मैं उनका गम क्यों बढाऊ़,

इसलिए मैं हँसता हूँ

मेरा गम़,मेरा एक भ्रम है ,

वास्ताविक दुनिया से इसका कोई रिश्ता नही है,

शायद इसलिए मैं हँसता हूँ

गम़ मैं कोई अच्छी बात नहीं है,

परन्तु दिल को पढ़ने का,

इससे अच्छा उपाय नही है

कभी कभी यही सोचता हूँ ,

इसलिए मैं हँसता हूँ